281 रन जड़कर ऑस्ट्रेलिया की 16 टेस्ट जीत का विजय रथ रोकने वाले वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को जन्मदिन मुबारक. 1 नवंबर 1974 को आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद में पैदा हुए लक्ष्मण बेहद पढ़े-लिखे परिवार से आते हैं. लक्ष्मण के माता-पिता दोनों ही डॉक्टर हैं. वह खुद पढ़ाई में बहुत अच्छे थे. लक्ष्मण भी मेडिकल की पढ़ाई पढ़ रहे थे, लेकिन बाद में डॉक्टरी छोड़कर क्रिकेटर बनने का फैसला लिया.
भारत के लिए वनडे डेब्यू करने
वेरी-वेरी स्पेशल बल्लेबाज लक्ष्मण भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भतीजे हैं. अपने शानदार करियर के बावजूद वह भारत के लिए एक भी विश्वकप नहीं खेल पाए. 1996 में टेस्ट तो 1998 में भारत के लिए वनडे डेब्यू करने वाले लक्ष्मण ने आखिरी इंटरनेशनल मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर 2012 में खेला था. वीवीएस लक्ष्मण को भारत के सबसे भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजों में शुमार किया जाता था. राहुल द्रविड़ के बाद वह भारतीय टीम का कोच बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.
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1992 में पहला फर्स्ट क्लास मैच खेलने वाले वीवीएस का करियर चमकते सूरज सा रहा. भारत के लिए वीवीएस लक्ष्मण ने 134 टेस्ट में 45.97 की औसत से 17 शतकों के साथ 8781 रन बनाए। वीवीएस लक्ष्मण ने भारत के लिए 86 वनडे मैच खेले, जहां 6 शतकों के साथ 2338 रन उनके नाम रहे. वीवीएस लक्ष्मण ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 55 शतक जड़े. अब बात उस मैच की, जिसके बाद वीवीएस लक्ष्मण का नाम हर हिंदुस्तानी की जुबान पर आ गया. तारीख थी 11 मार्च 2001 और जगह ईडन गार्डन, कोलकाता. ऑस्ट्रेलिया टीम लगातार 16 टेस्ट मैच जीत चुकी थी और उसने पहले बल्लेबाजी करते हुए 445 रन बना दिए.
भारत को बुरी तरह रौंदने के
भारतीय टीम 171 पर सिमट गई. भारत की पहली पारी में भी 83 गेंद पर 12 चौकों के साथ 59 रन बनाने वाले वीवीएस लक्ष्मण सबसे बड़े स्कोरर रहे. भारत को बुरी तरह रौंदने के इरादे से कंगारू कप्तान स्टीव वॉ ने फॉलोऑन दे दिया. ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी के आधार पर 274 रन की बढ़त मिली थी. जवाब में जब सचिन आउट हुए, तब भारत का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 115 रन था. अभी भी भारत 169 रन से पीछे था. हार करीब आती दिख रही थी. उस दौर में सचिन के विकेट का मतलब भारत की हार होता था.
सौरव गांगुली भी 48 रन बनाकर आउट हो गए और स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 232 रन. यहां से वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच 376 रन की साझेदारी हुई. दोनों ने चौथे दिन पूरे 90 ओवर बल्लेबाजी की और भारत का एक भी विकेट नहीं गिरने दिया. वीवीएस लक्ष्मण ने 452 गेंद पर 44 चौकों की मदद से 281 रन की मैराथन पारी खेली. राहुल द्रविड़ ने 353 गेंद पर 20 चौकों की मदद से 180 रन जड़े. भारत ने 7 विकेट के नुकसान पर 657 रन बनाकर पारी घोषित की. ऑस्ट्रेलिया को 212 पर ऑल आउट करते हुए 171 रन से मैच जीत लिया. 16 मैच से चला आ रहा ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ रोक कर कंगारुओं का घमंड तोड़ दिया.
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मैन ऑफ द मैच का खिताब
हरभजन सिंह ने पहली पारी में 7 और दूसरी पारी में 6 कंगारू बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई. पर मैन ऑफ द मैच का खिताब वेरी-वेरी स्पेशल वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) को दिया गया. पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी इयान चैपल ने लक्ष्मण को वेरी-वेरी स्पेशल नाम दिया था. उस दौर में ऑस्ट्रेलिया को हराने का मतलब वर्ल्ड क्रिकेट में अपना डंका बजाना होता था. पूरा भारत इस जीत पर झूमा था.