लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में बड़े उलटफेर होने की आशंका बनते दिख रहे हैं. पटना में सीपीआई की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इंडिया गठबंधन की चिंता नहीं है। वो 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। उनकी वजह से इंडिया गठबंधन का कामकाज प्रभावित हुआ है। अब हम लोग आगे की बातें चुनाव के बाद ही बैठकर तय करेंगे।
26 अक्टूबर को कांग्रेस के ऑफिस सदाकत आश्रम में श्रीकृष्ण सिंह की जयंती मनाई गई थी। लालू कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इस कार्यक्रम में नीतीश को भी निमंत्रण था, लेकिन वो नहीं गए थे। 6 दिन बाद आज सीपीआई के मंच से मुख्यमंत्री ने उस कार्यक्रम में ना जाने की वजह को साफ किया है।
सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता
गुरुवार को मिलर स्कूल में हो रही इस रैली में मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बिहार की राजनीति (Bihar Politics) में सीपीआई के साथ हमारा पुराना रिश्ता है। कम्युनिस्ट पार्टी दो हिस्सा में बंट गई है। इसको एक होने के लिए सोचना चाहिए। नीतीश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो सरकार देश में है उसको देश की आजादी से कोई मतलब नहीं है। भाजपा हिंदू-मुस्लिम में झंझट करना चाहती है। 2007 से हम कंट्रोल कर रहे हैं।
हम लोग बिहार में 95% को एकजुट किए हैं। बिहार में जितना काम किया जा रहा है वह कहां छप रहा। उन्होंने कहा कि हम लोग इतना बहाली किए हैं फिर भी थोड़ा-बहुत छपता है।
14 महीने में दी 4 लाख नौकरियां- तेजस्वी
सीपीआई की रैली में तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सरकार एक दिन में एक लाख बीस हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दे रही है। अभी सरकार को 14 महीने ही हुए हैं और हमारी सरकार ने चार लाख नौकरियां दी हैं।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग तलवार बांट रहे हम लोग रोजगार दे रहे। बीजेपी की वजह से बिहार का दो साल बर्बाद हो गया। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने एमएलए को खरीद लिया। बीजेपी को बिहार से बाहर करना लोकतंत्र की मांग थी। बीजेपी को भारत की सत्ता से भी बाहर करेंगे। बीजेपी की सरकार पूंजीपति की सरकार है। वहीं शिक्षक भर्ती में धांधले के आरोप पर उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से परीक्षा ली गई है। कोई धांधली नहीं हुई है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Bihar Politics) की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अलग-अलग आए। दोनों के मंच पर पहुंचने के बीच लगभग दो घंटे का अंतर रहा।
लाल झंडा हमारा भविष्य- डी राजा
सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कहा कि देश से भाजपा को हटाना है। देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। जनता के हाथ में पैसा नहीं है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रही है। लाल झंडा हमारा भविष्य है। इंडिया गठबंधन में हम एकजुट होकर रहेंगे और भाजपा को हटाएंगे। आजादी की लड़ाई हमारी लड़ाई है। हमें देश को बचाना है।
5 साल बाद सीपीआई की बड़ी रैली
यह रैली पटना के गांधी मैदान में होने वाली थी, लेकिन नीतीश कुमार के नियुक्ति पत्र बांटने वाले कार्यक्रम के चलते जगह बदलकर मिलर स्कूल किया गया। बता दें सीपीआई पांच साल बाद पटना में किसी बड़ी रैली का आयोजन कर रही है। इससे पहले पार्टी ने 25 अक्टूबर 2018 को गांधी मैदान में रैली की थी। तब कांग्रेस के कई बड़े नेता भी मंच पर थे। विपक्षी एकता की नींव उसमें रखी गई थी। हालांकि, सीएम नीतीश उस दौरान एनडीए का हिस्सा थें।