मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार (Punjab Govt) स्वास्थ क्षेत्र की तरफ एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. बताया जा रहा है कि बेहद ही जल्द राज्य सरकार प्रदेश में मां और बच्चे को सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में मिडवाइफरी एलईडी केयर यूनिट (एमएलसीयू) स्थापित करने जा रही है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह की तरफ से कहा गया है कि सामान्य प्रसव को बढ़ावा देने के लिए एमएलसीयू की स्थापना की जाएगी. क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने भी सिजेरियन डिलीवरी (सी-सेक्शन) के लिए 10 से 15 फीसदी की आदर्श दर का प्रस्ताव दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह दर फिलहाल काफी ज्यादा है.
स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कहा गया है
माता कौशल्या अस्पताल पटियाला में पहले से ही पायलट आधार पर एक एमएलसीयू चालू है, उन्होंने कहा कि अब तक लेबर रूम और मिडवाइफरी के नेतृत्व वाली बर्थिंग यूनिट में मिडवाइज द्वारा कुल 138 प्राकृतिक प्रसव किए गए हैं.
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में फैलाने के लिए पटियाला में एक मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की है. इसकी स्थापना भारत सरकार (Punjab Govt) के “भारत में मिडवाइफरी सेवाओं पर दिशानिर्देश” के मुताबिक की गई है. ताकि नए कैडर मिडवाइफरी में नर्स प्रैक्टिशनर्स लाकर, पेशेवर मिडवाइवज के एक समर्पित कैडर में निवेश किया जा सके.
डॉ. बलबीर सिंह की तरफ से कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को इस पहल से सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सम्मानजनक प्रसव का अनुभव मिलेगा.
निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. हितिंदर कौर की तरफ से कहा गया है कि दुनिया भर में मिडवाइफरी का कार्य प्रसव के दौरान मां और बच्चे की देखभाल में बेहद ही जरूरी भूमिका निभाना है. डॉ. हितिंदर कौर की तरफ से कहा गया है कि राज्य में सभी प्राकृतिक जटिल प्रसव प्रशिक्षित मिडवाइफरी द्वारा किए जाएंगे