Sunday, September 22, 2024
HomeLatest NewsNithari Serial Killings Case : निठारी हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के...

Nithari Serial Killings Case : निठारी हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आए फैसले से पीड़ित मायूस, CBI पर लगाए आरोप

Nithari Serial Killings Case: निठारी हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आए फैसले से पीड़ितों के परिजन मायूस हैं. उनका कहना है कि बच्चों को 17 साल बाद भी इंसाफ नहीं मिला. इसलिए न्याय हासिल करने के लिए रणनीति बनाएंगे. हत्याकांड की शिकार महिलाओं, बच्चों और बच्चियों के ज्यादातर परिजन नोएडा छोड़कर पैतृक गांव वापस जा चुके हैं. केवल चार लोग ही अब नोएडा में रह रहे हैं. निठारी गांव के रहने वाले अशोक मुख्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने के आदेश से काफी आहत हैं.

ये भी पढ़ें: JFS Share: मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल के मुनाफे में 101% का इजाफा, शेयरों में आई बंपर तेजी!

नोएडा के कुख्यात निठारी कांड में आया फैसला

अशोक के मासूम बेटे की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि आरोपी ताकतवर और पैसे वाले हैं. इसलिए उनके साथ न्याय नहीं हुआ. निठारी कांड में जान गंवाने वाली एक लड़की के पिता झब्बू लाल ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से काफी आहत हैं. उन्होंने कहा कि सुरेंद्र कोली ने पुलिस के सामने बच्चियों की हत्या और रेप करने की बात स्वीकार की थी. पीड़ित पप्पू का कहना है कि हाईकोर्ट के फैसले ने बेचैन कर दिया है. लेकिन इंसाफ की जंग जारी रहेगी. पप्पू की नाबालिग बेटी की कथित तौर पर रेप के बाद हत्या कर दी गई थी.

रामकिशन की नाबालिग बेटी की भी कथित तौर पर रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश की कॉपी मिलने पर आगे की रणनीति तय करने में वकील की मदद लेंगे. निठारी कांड के पीड़ितों की लंबी लड़ाई लड़ने वाले 85 वर्षीय सतीश चंद्र मिश्रा ने हाईकोर्ट के फैससे पर निशाना जताई है. सामाजिक कार्यकर्ता मिश्रा ने सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि गरीब लोगों के साथ इंसाफ नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने मामले की ठीक ढंग से पैरवी नहीं की. मिश्रा सीबीआई से बेहद नाराज दिखे.

इंसाफ नहीं मिलने से पीड़ितों के परिजन मायूस

उन्होंने कहा कि किसी भी मामले की सीबीआई जांच नहीं होनी चाहिए. निठारी कांड के पीड़ित परिजन काफी गरीब हैं. ज्यादातर परिजन बेरोजगार हो जाने की वजह से नोएडा छोड़ चुके हैं. मिश्रा ने पीड़ित परिजनों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय करने की बात कही है. बता दें कि गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने कोली और पंढेर को सजा-ए-मौत सुनाई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों को विभिन्न आरोपों से बरी कर दिया है. नोएडा का कुख्यात निठारी कांड वर्ष 2005 और 2006 के बीच घटित हुआ था.

निठारी गांव में मिले थे मानव कंकाल

दिसंबर, 2006 में निठारी स्थित एक मकान के पास नाले में मानव कंकाल पाए गए थे. मोनिंदर पंढेर मकान का मालिक और कोली नौकर था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने सुरेंद्र कोली के खिलाफ 16 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किया था. जबकि पंढेर के खिलाफ अनैतिक मानव तस्करी का आरोपपत्र दाखिल किया था. सेक्टर 31 स्थित कोठी संख्या डी-5 में तब रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर और नौकर सुरेंद्र कोली पर नौ बच्चियों, दो बच्चों और पांच महिलाओं को घर में बुलाकर यौन शोषण, हत्या कर शव को टुकड़े-टुकड़े कर नाले में बहाने का आरोप लगा था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Nithari Serial Killings Case) ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को बड़ी राहत देते हुए सोमवार को बरी कर दिया. न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एस एच ए रिजवी की खंडपीठ ने दोनों की अपील पर आदेश पारित किया. हाईकोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष उचित संदेह से परे मामले को साबित करने में नाकाम रहा.

The Bharat
The Bharat
The Bharat एक न्यूज़ एजेंसी है. ईसका उद्देश्य "पक्ष या विपक्ष नहीं बल्कि "निष्पक्ष" रुप से तथ्यों को लिखना तथा पाठकों तक सही व सत्य खबर पहुंचाना है. मीडिया को हृदय की गहराइयों से निष्पक्ष बनाए रखने एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में "The Bharat" एक प्रयास है.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments