शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से विवाद और रामचरितमानस पर बयान देने वाले प्रो. चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया गया है. उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग दिया गया है. वहीं, बिहार के नए शिक्षा मंत्री राजद कोटे से आने वाले आलोक मेहता (Alok Mehta) को बनाया गया है. आलोक मेहता इससे पहले भूमि सुधार और राजस्व मंत्री थे. उनकी जगह PHED मंत्री ललित कुमार यादव को यह जिम्मेदारी दी गई है.
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प्रशासनिक काम में चंद्रशेखर के दखल
सूत्रों की माने तो शिक्षा विभाग के प्रशासनिक काम में चंद्रशेखर के दखल के बाद अपर मुख्य सचिव केके पाठक छुट्टी पर चले गए थे. नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद उन्हें वापस बुलाया गया और अब सरकार ने चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी छीनकर केके पाठक को फ्री हैंड दे दिया है. शुक्रवार को ही केके पाठक 11 दिन बाद वापस लौटें और शनिवार को सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया.
कहा ये भी जा रहा है कि बिहार में (Bihar News) नीतीश कुमार ने कैबिनेट री-सफल करने से पहले राजद सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से भी मुलाकात की थी और तीनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही ये फैसला लिया गया है.
आलोक कुमार मेहता (Alok Mehta) बिहार सरकार में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री थे और राजद के प्रधान महासचिव भी हैं. राष्ट्रीय जनता दल से वे समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से 2004-2009 तक सांसद रहे हैं. विधान सभा सदस्य के रूप में महागठबंधन की सरकार में 2015 में कृषि मंत्री बने थे. उजियारपुर से चुनाव जीते थे. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग मंत्री ललित यादव. तेजस्वी यादव के करीबी हैं. दरभंगा ग्रामीण सीट से विधायक हैं. ललित यादव 6 बार विधायक रहे हैं. इन पर राजस्व एवं भूमि सुधार का अतिरिक्त प्रभार है.
कार्रवाई में हुई देरी-चिराग
इधर शिक्षा मंत्री बदले जाने पर हाजीपुर में चिराग पासवान ने कहा कि मंत्री महोदय ने जिस तरीके से एक भारी आबादी की भावना को भड़काने का काम जिस तरीके से किया है. समाज में भेदभाव की भावना को उत्पन्न करने का काम किया है ऐसे में वैसे मंत्री पर पहले ही बड़े कठोर कार्रवाई हो जाना चाहिए था. लेकिन अब उन्हें शिक्षा मंत्री पद से हटाया गया है. जो इतनी देर में कार्रवाई होगी तो यह संदेश नहीं जा सकता है.